Signs Of Cervical Cancer: गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर अक्सर मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के साथ एक अंतर्निहित संक्रमण से संबंधित होते हैं, जो आमतौर पर यौन संचारित (Sexually Transmitted) होता है.
How To Find Cervical Cancer Early: सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) एक प्रकार का कैंसर है जो महिलाओं के गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइक्स) में विकसित होता है. यह एक अद्यतित बीमारी है जिसकी शुरुआत अक्सर अद्यतित इन्फेक्शन, विशेषकर मानव पैपिलोमा वायरस (HPV) के किसी प्रजाति के संपर्क से हो सकती है. गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर अक्सर मानव पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के साथ एक अंतर्निहित संक्रमण से संबंधित होते हैं, जो आमतौर पर यौन संचारित (Sexually Transmitted) होता है. एचपीवी गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में प्री-कैंसर चेंजेस का कारण बन सकता है जो अंततः सर्वाइकल कैंसर की ओर ले जाता है.
Cervical Cancer
Symptoms: यह कैंसर आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होता है और शुरुआती स्टेज में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. इसलिए, स्क्रीनिंग टेस्ट (Cervical Cancer
Screening) जैसे नियमित जांच के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जिससे कैंसर को पहले ही पहचाना जा सके और सही समय पर उपचार शुरू किया जा सके. इसके स्टेज (Stage Of Cervical
Cancer) को निर्धारित करने में विभिन्न परीक्षणों का उपयोग किया जाता है, और उपचार की योजना स्थानीयकृत रूप से कैंसर की विकास और फैलाव पर निर्भर कर सकती है. उपचार (Cervical Cancer
Treatment) के विकल्प में सर्जरी, रेडियशन थेरेपी, और कीमोथेरेपी शामिल हो सकते हैं, जो स्थिति के अनुसार निर्धारित किए जाते हैं.
जबकि सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) धीरे-धीरे विकसित होने वाली बीमारी हो सकती है, अगर जल्दी पता नहीं चला, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे पेट, लीवर, यूरीनरी ब्लैडर या फेफड़ों में फैल सकता है. यहां सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती संकेत और लक्षणों के बारे में जानिए.
सर्वाइकल कैंसर के संकेत और लक्षण |
Cervical Cancer Signs And Symptoms
यह रोग ज्यादातर प्रारंभिक अवस्था में बिना किसी लक्षण के पता नहीं चलता है और प्राइमरी लक्षणों को विकसित होने में सालों लग सकते हैं. स्टेज 1 सर्वाइकल कैंसर के कुछ सामान्य संकेत और लक्षण हैं जानने के लिए पढ़ें:
1.
बार-बार मूत्र आना: अगर आपको बार बार पेशाब का दबाव महसूस होता है, तो यह सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है.
2.
मूत्र में रक्त: मूत्र में रक्त आना या इसका रंग इतना गहरा या लाल होना कि खून का शक पैदा करे.
3.
पीठ या कूल्हे में दर्द: सर्वाइकल कैंसर के क्षेत्र में दर्द हो सकता है, जो पीठ या कूल्हों में महसूस हो सकता है.
4.
पेट में दर्द: कभी-कभी सर्वाइकल कैंसर के मरीजों को पेट में दर्द महसूस हो सकता है.
5.
वजन कमी: अचानक वजन कमी का अनुभव हो सकता है जो सर्वाइकल कैंसर का संकेत हो सकता है.
6.
खून की कमी और थकान महसूस होना: सर्वाइकल कैंसर के कारण रक्त की कमी हो सकती है, जिससे शरीर में थकान महसूस हो सकती है.
7. संबंध बनाने के बाद खून दिखना: सेक्स के दौरान या बार-बार सम्बन्ध बनाने पर खून का निकलता है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें.
8. पेट में सूजन: सर्वाइकल कैंसर के लक्षण में पेट में सूजन भी शामिल हो सकती है.
9. मूत्र पथ संबंधित समस्याएं: सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में मूत्र पथ से जुड़ी समस्याएं शामिल हो सकती हैं.
10. कुछ और लक्षण: विकसित हो रहे सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों में योनि से खुजली, वायरल इंफेक्शन, योनि ब्लीडिंग, और पेशाब में जलन जैसी समस्याएं शामिल हो सकती हैं.
सर्वाइकल कैंसर की स्टेज |
Stage Of Cervical Cancer
ज्यादातर अन्य कैंसर की तरह, सर्वाइकल कैंसर को भी 4 स्टेज में बांटा गया है. स्टेज वन ज्यादातर लक्षणों के बिना पता नहीं चलता है और इसका मतलब है कि कैंसर केवल गर्भाशय ग्रीवा में है और अन्य भागों में नहीं फैला है. चरण IV में यह मूत्राशय, मलाशय या शरीर के अन्य हिस्सों जैसे आपकी हड्डियों या फेफड़ों में घुस करता है. सर्वाइकल कैंसर की स्टेज उसके विकास और फैलाव को दर्शाती है, जिससे इलाज और उपचार की योजना तय होती है. यहाँ सर्वाइकल कैंसर की स्टेजों का सामान्य विवरण है:
सर्वाइकल कैंसर स्टेज I (Stage 1):
·
कैंसर सिर्फ सर्वाइक्स (गर्भाशय ग्रीवा) की सतह पर होता है.
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इस स्टेज में, कैंसर बहुत ही छोटा होता है और गहराई में नहीं पहुंचता है.
सर्वाइकल कैंसर स्टेज II (Stage 2):
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कैंसर सर्वाइक्स से बाहर बढ़ जाता है, लेकिन यह केवल पेल्विक इलाके तक ही सीमित होता है.
सर्वाइकल कैंसर स्टेज III (Stage 3):
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कैंसर गर्भाशय की आंतरिक स्तर तक पहुंच जाता है.
इस स्टेज में, कैंसर पेल्विक साइडवॉल को पार करके आसपासी अंगों तक फैला हो सकता है.
सर्वाइकल कैंसर स्टेज IV (Stage 4):
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कैंसर गर्भाशय के पार बढ़ जाता है और दूसरे अंगों तक फैलता है.
·
इस स्टेज में, कैंसर ने दूरस्त स्थानों, जैसे कि फर्टिलाइजेशन ट्यूब्स, में पहुंचा हो सकता है.
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सर्वाइकल कैंसर की स्टेज को स्वास्थ्य देखभाल विशेषज्ञ एक विशेष परीक्षण के बाद निर्धारित करते हैं, जिसमें स्कैन, ब्लड टेस्ट, और इमेजिंग टेस्ट शामिल हो सकते हैं. यह स्टेज निर्धारित करने में मदद करता है ताकि उचित इलाज योजना तय की जा सके.
सर्वाइकल कैंसर का निदान | Cervical Cancer Diagnosis
1. प्री-कैंसर और अनियमितताओं के संकेतों की जांच से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के ज्यादातर मामले पता लग सकते हैं.
2.
एचपीवी मोलेक्यूलर टेस्ट जैसे टेस्ट से विशेष रूप से गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की जांच होती है, विशेषकर एचपीवी वायरस के लिए.
3.
कैंसर की जांच के लिए पंच बायोप्सी या एंडोकर्विकल ट्रीटमेंट जैसी तकनीकों का उपयोग करके टिश्यू के सैम्पल से बायोप्सी की जाती है.
सर्वाइकल कैंसर का निवारण
(Cervical Cancer Prevention)
सर्वाइकल कैंसर के संकेतों और लक्षणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, पैप स्मीयर स्क्रीनिंग और मोलेक्यूलर टेस्ट के जरिए जल्दी पता लगाना इस खतरनाक बीमारी से होने वाली मोबिलिटी और मृत्यु दर को कम करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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CREDIT: - NDTV