BSE
का मिडकैप सूचकांक 10568.22 अंक या 41.74 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं इनकी तुलना में
बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 10266.22 अंक या 16.87 प्रतिशत बढ़ा है। 20
दिसंबर को बीएसई का स्मालकैप सूचकांक 42648.86 अंक के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर
पहुंचा था। आपको बता दें कि कंपनियों को बाजार पूंजीकरण के आधार पर स्माल मिड और
लार्ज कैप सूचकांक में बांटा जाता है।
नई दिल्ली। व्यापक आर्थिक बुनियाद के चलते घरेलू शेयर बाजारों में 2023 के
दौरान छोटे शेयर निवेशकों की पसंद बनकर उभरे हैं। इससे यह वर्ष इक्विटी के लिए
काफी बेहतर रहा है। 2023 के दौरान छोटे शेयरों ने निवेशकों की जमकर कमाई कराई है।
डाटा के अनुसार, इस वर्ष 22 दिसंबर तक बीएसई के स्मालकैप सूचकांक में 13,074.96
अंक या 45.20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
बीएसई पर रहा दबदबा
बीएसई का मिडकैप सूचकांक 10,568.22 अंक या 41.74 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, इनकी तुलना में बीएसई का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 10,266.22 अंक या 16.87 प्रतिशत बढ़ा है। 20 दिसंबर को बीएसई का स्मालकैप सूचकांक 42,648.86 अंक के अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा था। इसी दिन मिडकैप सूचकांक 36,483.16 अंक और सेंसेक्स 71,913.07 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचे थे।
क्या होते हैं स्माल, मिड और लार्ज कैप?
कंपनियों को बाजार पूंजीकरण के आधार पर स्माल, मिड और लार्ज कैप
सूचकांक में बांटा जाता है। पांच हजार करोड़ से कम पूंजीकरण वाली कंपनियां
स्मालकैप, पांच से 20 हजार करोड़ तक के पूंजीकरण वाली कंपनियां मिडकैप और 20 हजार
करोड़ से ज्यादा पूंजीकरण वाली कंपनियां लार्जकैप सूचकांक में शामिल होती हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि सामान्य तौर पर छोटे शेयरों की खरीदारी
स्थानीय निवेशक करते हैं, जबकि विदेशी निवेशक ब्लूचिप या बड़ी कंपनियों के शेयरों
की खरीदारी करते हैं। 2023 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआइ) भारतीय इक्विटी
बाजारों में अब तक 1.62 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर चुके हैं।
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CREDIT: - JAGRAN