इजरायल पर हमले का बदला लेगा अमेरिका! क्या ईरान के तेल निर्यात पर बैन लगाएंगे जो बाइडेन

Payal Mishra
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ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने से दुनियाभर में तेल संकट गहराने की आशंका जताई जा रही है। अमेरिका में विपक्ष इजरायल का बदला लेने के लिए जो बाइडेन प्रशासन से ईरान के तेल एक्सपोर्ट पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो भारत समेत दुनियाभर में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं। आइए जानते हैं कि क्या जो बाइडेन ईरान पर बैन लगाएंगे।

इजरायल पर हमले का बदला लेगा अमेरिका! क्या ईरान के तेल निर्यात पर बैन लगाएंगे जो बाइडेन

नई दिल्ली। ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने से दुनियाभर में तेल संकट गहराने की आशंका जताई जा रही है। ईरान ने इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया। इससे कई लोगों का मानना है कि इजरायल का दोस्त होने के नाते अमेरिका का जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन ईरान के ऑयल एक्सपोर्ट पर सख्त पाबंदियां लगा सकता है।

अमेरिका में उठ रही ईरान पर बैन की मांग

अमेरिका में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी लगातार जो बाइडन प्रशासन पर दबाव बना रही है कि वह इजरायल पर हमले के बाद ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाएं। ड्रॉनल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि वह ईरान पर बैन लगाने के लिए बिल लाएगी। उसका आरोप है कि बाइडन प्रशासन ने पाबंदियों में ढील देकर ईरान के लिए तेल बेचना आसान कर दिया है, जिससे 'आतंकियों को पाला पोसा' जा रहा है।

हालांकि, इन सबके बावजूद इस बात की गुंजाइश काफी कम है कि जो बाइडन प्रशासन ईरान पर कोई सख्त प्रतिबंध लगाएगा।

ईरान पर पाबंदी लगाने से क्यों बच रहे बाइडेन?

अमेरिका में जल्द चुनाव होने वाले हैं। अगर ईरान के तेल एक्सपोर्ट पर बैन लगता है, तो इससे बाकी दुनिया के साथ अमेरिका में महंगाई बढ़ेगी। अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व महंगाई बढ़ने के डर से ही ब्याज दरों में कटौती करने से बच रहा है। ऐसे में जो बाइडेन चुनावी सीजन में महंगाई बढ़ाने जैसा बड़ा जोखिम शायद ही लेना चाहेंगे।

ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार चीन है। पूर्व अमेरिका राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका और चीन के संबंध काफी खराब हो गए थे। दोनों के दरम्यान लंबे समय तक ट्रेड वॉर (Trade War) भी चला। अब अमेरिका और चीन के संबंध कुछ सुधरे हैं और जो बाइडेन प्रशासन बेवजह चीन को नाराज नहीं करना नहीं चाहेगा।

ईरान ने इजरायल मिसाइल-ड्रोन हमला क्यों किया?

ईरान और इजरायल में साल 1979 तक दोस्ताना संबंध थे। लेकिन, उसी साल ईरान में इस्लामी क्रांति हुई। फिर जो नई सरकार सत्ता में आई, वह वैचारिक तौर पर इजरायल की घनघोर विरोधी थी। ईरान अब इजरायल के वजूद को नहीं स्वीकार नहीं करता। उसका मानना है कि इजरायल को दुनिया के नक्शे से मिटा दिया जाना चाहिए।

ईरान का कहना है कि इजरायल पर हमला दमिश्क में अपने दूतावास पर हुए हवाई हमले का बदला लेने के लिए किया है। इसमें कई सीनियर ईरानी कमांडर मारे गए थे। हालांकि, इजरायल का कहना है कि ईरानी दूतावास पर हमले के पीछे उसका हाथ नहीं है। हालांकि, ईरान समेत कई लोगों का मानना है कि यह हमला इजरायल ने ही करवाया है।


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CREDIT: - DAINIK JAGRAN

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