अगर एस्टरॉयड अपनी दिशा से भटककर पृथ्वी से टकरा जाए, तो बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकता है।
एस्टरॉयड का पृथ्वी के करीब आना जारी है। फरवरी महीने में कई बड़ी चट्टानी आफतों ने हमारे ग्रह को डराया था। यह सिलसिला रुका नहीं है और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) को रोज नए एस्टरॉयड के बारे में पता चल रहा है। इनकी मॉनिटरिंग करना वैज्ञानिकों की मजबूरी है। अगर एस्टरॉयड अपनी दिशा से भटककर पृथ्वी से टकरा जाए, तो बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकता है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि करोड़ों साल पहले हमारी धरती से डायनासोरों का खात्मा भी एक एस्टरॉयड की टक्कर के बाद मचे विनाश से हुआ था।
आज यानी 12 मार्च को दो एस्टरॉयड पृथ्वी के करीब आ रहे हैं। इनमें से एक का आकार करीब 350 फुट है, जो किसी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के बराबर है। नासा जेपीएल के अनुसार, ‘एस्टरॉयड 2015 FM34' उसका नाम है।
यह करीब 39 हजार 837 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर आ रहा है। जब यह पृथ्वी के नजदीक से गुजरेगा, तब दोनों के बीच दूरी 74 लाख 20 हजार किलोमीटर रह जाएगी। इसी वजह से इसे पृथ्वी के लिए संभावित रूप से खतरनाक माना गया है। हालांकि एस्टरॉयड के धरती से टकराने की संभावना नहीं है। पर वैज्ञानिक इसे तबतक मॉनिटर करेंगे, जबतक यह ग्रह से बहुत दूर नहीं चला जाता।
‘एस्टरॉयड 2015 FM34' का संबंध अपोलो ग्रुप्स के एस्टरॉयड से है। ये पृथ्वी को पार करने वाले एस्टरॉयड होते हैं। जैसाकि नाम से ही पता चलता है इस एस्टरॉयड को साल 2015 में खोजा गया था।
एक और एस्टरॉयड जो आज पृथ्वी के करीब आ रहा है, उसका नाम है- एस्टरॉयड (2024 EG2)। इसका आकार एक एयरोप्लेन जितना है। जब यह हमारे ग्रह के पास आएगा तब दोनों के बीच दूरी 6 लाख 42 हजार किलोमीटर रह जाएगी। हालांकि इसके भी पृथ्वी से टकराने की आशंका नहीं है।
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CREDIT: - NDTV