Caste Based Census राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने जातिगत जनणगना का विरोध किया है। आरएसएस के पदाधिकारी श्रीधर गाडगे ने मंगलवार को कहा कि जाति आधारित जनगणना नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पूछा कि इससे क्या हासिल होगा। उन्होंने कहा कि हम समानता के साथ खड़े हैं। उन्होंने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि कोई असमानता शत्रुता या झगड़ा नहीं होना चाहिए।
आरएसएस पदाधिकारी ने जातिगत जनगणना पर उठाया सवाल
श्रीधर गाडगे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस तरह की कवायद से कुछ लोगों को राजनीतिक रूप से फायदा हो सकता है, क्योंकि इससे यह जानकारी मिलेगी कि किस जाती के कितने लोग हैं। उन्होंने कहा कि यह सामाजिक रूप से और राष्ट्रीय एकता को देखते हुए अच्छा नहीं है।
श्रीधर गाडगे ने जातिगत जनगणना पर अपना रुख किया स्पष्ट
श्रीधर गाडगे ने कहा,
“हमें लगता है कि जाति आधारित जनगणना नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ऐसा करने का कोई कारण नहीं है। जातिगत जनगणना करके हमें क्या मिलेगा? यह गलत है। "
समाज में समानत पर आरएसएस का जोर
उन्होंने कहा कि हम समानता के साथ खड़े हैं। उन्होंने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि कोई असमानता, शत्रुता या झगड़ा नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना का आरक्षण से कोई संबंध नहीं है।
आरएसएस पदाधिकारी ने कहा कि आरक्षण एक अलग चीज है और आप जाति व्यवस्था को खत्म कर सकते हैं। उन्होंने कहा, मैं उस जाति का होऊंगा, जिसमें मैं पैदा हुआ हूं और जब जाति आरक्षण के अंतर्गत आएगी, तो इसका उल्लेख किया जाएगा।
आरक्षण व्यवस्था पर क्या बोले आरएसएस पदाधिकारी?
उन्होंने कहा कि आरक्षण सामाजिक उत्थान के लिए लाया गया था, ताकि समाज का भला हो सके। इसलिए, पूर्ण सामाजिक प्रगति होने तक आरक्षण जारी रहेगा, क्योंकि सभी समुदायों ने अभी तक प्रगति नहीं की है।
बता दें कि देश की कई पार्टियों ने जातिगत जनगणना पर अपनी सहमति जताई है। खासकर कांग्रेस इसके पक्ष में है और हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जातिगत जनगणना कराने का वादा भी किया था।
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CREDIT: - JAGARAN