Delhi Court Summons Sonia Gandhi Rahul Gandhi in National Herald Case

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नई दिल्ली [राज्य ब्यूरो]। नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की संपत्ति को एक नई कंपनी के माध्यम से अधिग्रहण करने और समाचार पत्र के फंड का दुरुपयोग करने के आरोप में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य शीर्ष कांग्रेस नेताओं को बतौर आरोपी समन जारी कर तलब किया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब गांधी परिवार पर भ्रष्टाचार का सीधा आरोप लगाया गया है और उसे कोर्ट में चुनौती दी गई है।

 Sonia Gandhi Rahul Gandhi
Delhi Court Summons Sonia Gandhi Rahul Gandhi in National Herald Case


भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से दायर अर्जी पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने ये समन जारी किए हैं। महानगर दंडाधिकारी गोमती मनोचा ने सोनिया व राहुल के अतिरिक्त कांग्रेस के कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा, महासचिव ऑस्कर फर्नाडीज, सुमन दूबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी के निदेशकों को समन जारी किए हैं। इन सभी को धोखाधड़ी, विश्वासघात, आपराधिक षड्यंत्र रचने और गबन के मामले में प्रथमदृष्टया आरोपी मानते हुए सात अगस्त को अदालत के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। कांग्रेस ने इसे दुर्भावना से प्रेरित बताया है।

अदालत ने कहा कि शिकायत व सुबूतों को देखकर जाहिर है कि यंग इंडिया कंपनी का गठन इसलिए किया गया है ताकि जनता के पैसे को व्यक्तिगत प्रयोग में बदला जा सके या फिर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की दो हजार करोड़ रुपये की संपत्ति को अधिग्रहण करने के लिए इस कंपनी को बनाया गया। शिकायतकर्ता इस मामले में विश्वासघात, धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत मामला साबित करने में कामयाब रहा है। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष नेताओं का नाम आने के बाद सकते में आई कांग्रेस इस मामले को लेकर हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।

सुब्रमण्यम स्वामी ने एक अर्जी दायर कर आरोप लगाया था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी व अन्य कांग्रेसी नेताओं ने यंग इंडिया लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई थी। जिसने नेशनल हेराल्ड की पब्लिशर कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को टेकओवर कर लिया है। स्वामी ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी व अन्य ने मिलकर आपराधिक षड्यंत्र रचा। इसके बाद एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को 50 लाख रुपये देकर यंग इंडिया लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये वसूलने का अधिकार प्राप्त कर लिया। ऐसे में समाचार पत्र की संपत्ति के अधिग्रहण में उसके फंड का दुरुपयोग किया गया है।

स्वामी का कहना है कि 2008 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को बंद कर दिया गया था। परंतु 23 नवंबर, 2010 में यंग इंडिया नामक कंपनी बनाई गई जिसमें सोनिया व राहुल गांधी के 38-38 फीसद शेयर हैं ताकि एसोसिएटेड जर्नल्स पर कब्जा किया जा सके। स्वामी ने इस मामले में आयकर संबंधित जांच कराने के लिए वित्त मंत्री को भी पत्र लिखा था।

मालूम हो कि इस मामले में पार्टी का बचाव करते हुए 2012 में कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने कहा था कि कानून का पालन करते हुए नेशनल हेराल्ड अखबार को फिर से निकालने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज दिया गया था। इससे पार्टी को कोई व्यावसायिक फायदा नहीं हुआ था।

हेराल्ड मामले में आक्रामक रुख अपनाएगी कांग्रेस

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नेशनल हेराल्ड मामले में शीर्ष नेताओं के नाम आने से सकते में आई कांग्रेस ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार या फिर कांग्रेस इस प्रकार के बदले की कार्रवाई के आगे झुकने वाली नहीं है। जबकि, पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल को अभी समन नहीं मिला है। मामले पर पूरी कानूनी जानकारी लेकर हम उचित जवाब देंगे।

यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस इस मामले पर इस तरह से हमलावर हुई है। नवंबर, 2012 में भी इसी मामले में सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों पर राहुल के कार्यालय ने स्वामी पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी। सूत्रों के मुताबिक पार्टी शीर्ष पर हुए इस हमले से खिन्न है। कांग्रेस इस मामले में जल्द ही हाई कोर्ट जाएगी। वहीं, मामले को देख रहे लोगों पर गाज भी गिर सकती है। चूंकि पार्टी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दिल्ली से बाहर हैं ऐसे में उनकी वापसी के बाद ही पार्टी इस मामले में विस्तृत रूप से अपना पक्ष रखेगी।

नेहरू ने निकाला था नेशनल हेराल्ड

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 9 सितंबर, 1938 को लखनऊ में अंग्रेजी अखबार 'नेशनल हेराल्ड' शुरू किया था। इसके साथ ही हिंदी में 'नवजीवन' और उर्दू में 'कौमी आवाज' का भी प्रकाशन शुरू हुआ था। नेहरू ही नेशनल हेराल्ड के पहले संपादक थे और प्रधानमंत्री बनने तक नेशनल हेराल्ड बोर्ड के चेयरमैन भी रहे।

कांग्रेस का मुखपत्र कहा जाने वाला यह अखबार लगातार आर्थिक संकट में रहा। 1977 में इंदिरा सरकार की हार के बाद दो साल तक बंद रहा। 1986 में भी यह बंदी के कगार पर पहुंच गया था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी द्वारा इसे पुनर्जीवन मिला। 1 अप्रैल, 2008 को पूरी तरह से बंद होने के दो साल बाद अखबार का मालिकाना हक रखने वाली एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन देकर उसकी देनदारियां समाप्त करने में मदद की। इसके एवज में कंपनी ने अपने 99.1 फीसद शेयर यंग इंडियन को सौंप दिए। यह कंपनी 23 नवंबर, 2010 को हेराल्ड भवन, बहादुर शाह जफर मार्ग के पते पर कंपनी एक्ट 1956 के अंर्तगत गठित हुई थी। इसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी 76 फीसद के, जबकि पार्टी कोषाध्यक्ष मोतीलाल बोरा व महासचिव ऑस्कर फर्नाडिस शेष के हिस्सेदार थे। सुमन दुबे और सैम पित्रोदा भी इसके नामित सदस्य थे।

हेराल्ड के नाम पर दिल्ली, मुंबई, लखनऊ, पंचकुला, भोपाल सहित देश के कई राज्यों में करोड़ों की परिसंपत्तियां हैं। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि यंग इंडिया ने दिल्ली स्थित हेराल्ड हाउस समेत करीब 2000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां महज 50 लाख में हासिल कर लीं। यही नहीं, हेराल्ड हाउस के नाम से जो 1600 करोड़ रुपये की संपत्ति है, उसका इस्तेमाल निजी फायदे के लिए किया जा रहा है। हेराल्ड हाउस को सरकार ने समाचार पत्र चलाने के लिए जमीन दी थी इस लिहाज से उसे व्यावसायिक उद्देश्य के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। लेकिन, हेराल्ड हाउस से ही पासपोर्ट सेवा केंद्र का संचालन हो रहा है।

'सोनिया और उनके बेटे राहुल ने अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ मिल अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर नेशनल हेराल्ड के फंड का दुरुपयोग किया है। इस मामले में दोषी पाए जाने पर सभी को सात साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।' -सुब्रमण्यम स्वामी, भाजपा नेता


'यह एक साल पुरानी शिकायत है। सुब्रमण्यम स्वामी कांग्रेस की निंदा करने के लिए जाने जाते हैं। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।' -अभिषेक मनु सिंघवी, कांग्रेस प्रवक्ता

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